
भक्तों के लिए भगवान कलंक भी अपने ऊपर ले लेते है। ब्राह्मणों की रक्षा के लिए ही भगवान रणछोड़ कहलाए -हरिशरण जी महाराजमुकुंद सेवा सदन में कलावटिया परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में तृतीय दिवस 3 अगस्त गुरुवार को व्यास पीठ से श्री हरिशरण जी महाराज ने कथा में ब्रह्मा द्वारा श्रष्टि की रचना, मानव उत्पति, जय, विजय को श्राप, मनु और सतरूपा से संबंधित विभिन्न कथाओं का वर्णन किया। साथ ही सनातन धर्म के तीन मूल मंत्र की विवेचना करते हुए कहा की जो तुम किसी को दोगे वो ही तुम्हे मिलेगा। कुछ भी स्थाई नहीं है। दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान शंकर का अपमान , सती का देह त्याग की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि भागवत का मूल बीज मंत्र है कि सब कुछ भगवान ही है । भगवान अपने भक्तों के लिए कोई कलंक भी अपने ऊपर ले लेते है। ब्राह्मणों की रक्षा के लिए ही भगवान रणछोड़ कहलाए।
कथा के मध्य महाराज श्री के कर्ण प्रिय भजनों पर श्रोता भक्तों ने नाच कर गाकर आनंद उत्सव मनाया।
कथा में आयोजक कलावटिया परिवार से श्रीमती सुशीला कलावटिया, सविता, प्रियशी, योगिता, सत्येंद्र, योगेश, सतीश, विनोद, देवेंद्र, अक्षय, अभय, पीयूष, रवि कलावटिया, श्रीमती अनुसूया , शारदा कौशिक, सुमन पुरोहित, संपति जोशी, मुन्नी खाज पुरिया, आशा खाजपुरिया, राजेंद्र व्यास, दीपक जालान, अनूप गाड़िया, परमेश्वर हलवाई, डा. डीएन तुलस्यान, शिवचरण पुरोहित, सुभाष जालान, रूपेश तुलस्यान, कुंदन सिंगडोदिया, दिनेश ढंढारिया, रामचंद्र पाटोदा, मोहन पुरोहित, अनिल मिश्रा सहित काफी संख्या में श्रद्धालु महिला एवम पुरुष उपस्थित थे।
4 अगस्त शुक्रवार को कथा में कृष्ण जन्म की सुंदर कथा होगी।
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