
PM-PRANAM Scheme: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को किसानों के लिए पीएम-प्रणाम योजना को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने 3,68,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल घटाने के लिये राज्यों को प्रोत्साहित करने को लेकर बुधवार को नई योजना ‘पीएम-प्रणाम’ को मंजूरी दी।
राज्यों को प्रोत्साहित करके रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना पीएम प्रणाम शुरू की है। इसका मतलब पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिएंट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना है। प्रस्तावित योजना का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम करना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी को पेश 2023-24 के बजट में पीएम प्रणाम ( धरती की पुनर्स्थापना, जागरूकता, सृजन, पोषण और सुधार के लिए पीएम कार्यक्रम) योजना लागू करने की घोषणा की थी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया कहा, “योजना के तहत केंद्र राज्यों को वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने-रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिये प्रोत्साहन देगा । “
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर 10 लाख टन परंपरागत उर्वरक का उपयोग करने वाला राज्य इसकी खपत में तीन लाख टन की कमी लाता है, तब 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी की बचत होगी। इस बची हुई सब्सिडी में से 50 प्रतिशत यानी 1,500 करोड़ रुपये उस राज्य को वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और अन्य विकास कार्यों के लिये दिये जाएंगे।
यह योजना धरती माता की पुनर्स्थापना, जागरूकता, पोषण और सुधार कार्यक्रम (PRANAM) के लिए है। यह योजना वैकल्पिक उर्वरकों और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करने के लिए है।
पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य
PM PRANAM Yojana इस योजना का प्रमुख मुख्य उद्देश्य है कि केंद्र सरकार के ऊपर बढ़ते हुए केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी का बोझ को कम करना क्योंकि हर साल किसानों के द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर की मांग को बढ़ती ही जा रही है ऐसे में सरकार के द्वारा ऊपर सब्सिडी का बोझ बहुत ज्यादा इस साल और हर साल बढ़ते ही जा रहा है आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सरकार ने केंद्रीय बजट 2021 में सब्सिडी के रूप में 79530 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जो संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 1.40 लाख करोड़ रुपए हो गए हैं 2021-22 नाम की मात्रा 1.62 लाख करोड़ रुपए को छुआ गया है 2023- 23 में सरकार ने 1.05 लाख करोर रुपए का बजट को तैयार किया गया है लेकिन उर्वरक मंत्री ने यह कहा है कि इस साल सब्सिडी का आगरा 2.25 लाख करोर रुपए को पार कर सकता है। अभिया आगरा हर साल ऐसे ही बढ़ता जाएगा क्योंकि देश के किसान भाइयों के द्वारा रासायनिक उर्वरक का बहुत अधिक मात्रा में खपत किया जाने लगा और उपयोग भी हो रहा है इसलिए केंद्र सरकार ने पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने पर विचार किया गया है और इस योजना के माध्यम से सरकार के ऊपरी बढ़ती हुई रासायनिक उर्वरक सब्सिडी का बोझ को कम किया जा सकता है।
PM PRANAM Yojana 2023 क्या है ?
केंद्र सरकार के द्वारा पीएम प्रणाम योजना को लॉन्च किया गया है और इसको केमिकल फर्टिलाइजर पर बढ़ती हुई सब्सिडी का बोझ को कम करने के लिए शुरू किया जा रहा है क्योंकि सरकार के द्वारा 2022 से 23 वर्ष मे भी किसानों को सब्सिडी का बोझ ढाई लाख करोड़ रुपए होने का उम्मीद है या पिछले साल के आंकड़े के अनुसार उन 40% अधिक होगा इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से अधिक बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा इसे उर्वरक विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्त घोषित किया जाएगा सब्सिडी बचत का 50% पैसे बचाने वाले राज्य को अनुदान के रूप में दिए जाएंगे जिसमें से यह राज्य सरकार अनुदान का 70% गांव ब्लॉक और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीकी अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग करेंगे और जो भी बचे हुए 30% अनुदान रहेगा उनका उपयोग उन किसानों को पंचायतों किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार देने और प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा जो उर्वरक का इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने की शामिल होंगे।
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